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ब्लॉग क्या होता है इसे कैसे शुरू करें

ब्लॉग क्या है। और इसे कैसे शुरू करें।
आज के समय में ब्लॉग का क्षेत्र बहुत ही व्यापक होता जा रहा है। आज के इस पोस्ट में आपको ब्लॉग के बारे में जानकारी दी जाएगी। पर इस पोस्ट को आप लास्ट तक पढ़ते रहिए। ब्लॉगिंग में अगर आप अपना कैरियर बनाना चाहते हैं। तो आज के इस पोस्ट में आपको विस्तार से इसके बारे में बताया जाएगा। अगर आप ब्लॉग बनाना चाहते हैं। तो आपको किसी एक विषय पर अच्छी जानकारी होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो आप ब्लॉग बनाने के बाद भी इस पर बेहतर तरीके से कार्य नहीं कर पाएंगे। इसलिए किसी एक विषय पर आप अच्छी जानकारी हासिल कीजिए। उसके बाद अपना ब्लॉग बनाइए। आपको बता दें। ब्लॉग एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां से हम अपने शब्दों में अपनी जानकारी को लोगों तक शेयर करते हैं। आप जिस भी विषय में अच्छी जानकारी रखते हैं। अपने ब्लॉग के द्वारा लोगों को बता सकते हैं। ब्लॉग बनाने के लिए सबसे आवश्यक है। डोमेन नेम यदि आप फ्री में ब्लॉग बनाना चाहते हैं। तो ब्लॉगर डॉट कॉम पर जाकर आप फ्री में ब्लॉग बना सकते है। लेकिन फ्री के ब्लॉग में आपको बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। बहुत से प्रतिबंध ब्लॉगर डॉट कॉम के द्वारा आपको मिलेंगे। इसलिए बेहतर होगा। कि आप एक अच्छा डोमेन किसी अच्छे डोमेन रजिस्ट्रार से खरीदें। आप अपने डोमेन का कोई भी एक्सटेंशन ले सकते हैं। एक्सटेंशन का मतलब डॉट कॉम, डॉट इन,डॉट ओआरजी, डॉट नेट इत्यादि होता है। अगर आप अपना ब्लॉग ब्लॉगर डॉट कॉम नाम से रजिस्टर करना चाहते हैं। तो ब्लॉगर डॉट कॉम से फ्री में रजिस्टर कर सकते हैं। यदि आप कुछ पैसे खर्च करके डुमेन खरीदना चाहते हैं। तो आप डोमेन रजिस्टार गो डैडी या बिग रॉक से खरीद सकते हैं। डोमेन खरीदने के लिए आपसे ₹199 का चार्ज 1 वर्ष के लिए लिया जाएगा समय समय से अनेक तरह के ऑफर चलते रहते हैं। जिसमें आपको कुछ छूट भी दी जाती है।
अब हम बात कर लेते हैं वेब होस्टिंग के बारे में, तो सबसे पहले जान लेते हैं कि होस्टिंग क्या होता है वेब होस्टिंग जाने से पहले आपको बता दें। कि यदि आप ब्लॉगर डॉट कॉम पर अपना ब्लॉग तैयार करते हैं। और उसे कस्टम डोमेन के द्वारा अटैच करते हैं। तो आपको ब्लॉगर डॉट कॉम के द्वारा फ्री में होस्टिंग मिल जाती हैं। यदि आप अपना ब्लॉग वर्डप्रेस पर बनाते हैं। तो आपको यहां होस्टिंग खरीदना अनिवार्य होता है लेकिन ब्लॉगर डॉट कॉम के साथ ऐसा नहीं है। फिर भी यदि आप बहुत सारा डाटा जैसे ऑडियो वीडियो रखना चाहते हैं तो आपको होस्टिंग खरीदना आवश्यक हो जाता है। लेकिन अगर आप अभी सीख रहे हैं। तो आपको होस्टिंग खरीदने की जरूरत नहीं है। फिर भी आप इस पोस्ट में आप होस्टिंग के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। तो चलिए जान लेते हैं कि होस्टिंग क्या है। 
होस्टिंग क्या है 
 वेब होस्टिंग एक तरह का सरवर होता है। जो हमारी वेबसाइट के लिए आवश्यक हैं। इस वेब होस्टिंग में सभी तरह के कॉन्टेंट रखे जाते हैं। जो भी आप पोस्ट करेंगे। वहां इस सर्वर में सेव होता रहता है जिस प्रकार हम कंप्यूटर पर कोई कार्य करते हैं और उस डाटा को सेव करते हैं। तो वह डाटा कंप्यूटर के हार्ड डिस्क में स्टोर हो जाता है। उसी प्रकार जब हम ऑनलाइन कोई आर्टिकल अपने ब्लॉग पर या वेबसाइट पर पब्लिश करते हैं। तो वह डाटा होस्टिंग प्रोवाइड कराने वाली कंपनी के सर्वर या हार्ड डिस्क में सेव होता रहता है। इस सर्विस को खरीदने के लिए हमें महीने के कुछ रुपए कंपनी को देने पड़ते हैं आपको बता दें। कि होस्टिंग मुख्य रूप से 3 तरह की होती हैं शेयर्ड होस्टिंग, वर्चुअल प्राइवेट सर्वर, डेडिकेटेड सर्वर होस्टिंग और क्लाउड होस्टिंग।
शेयर्ड होस्टिंग-  यह एक प्रकार का सर्वर होता है। इसमें आपको कम स्पेस मिलता है। यह बहुत ही सस्ती होती है स्टार्टिंग में सभी ब्लॉगर इस तरह की होस्टिंग का इस्तेमाल करते हैं। स्टार्टिंग में ब्लॉग पर बहुत अधिक ट्रैफिक नहीं होने की वजह से सभी लोग इस होस्टिंग का यूज़ करते हैं। अब हम बात करेंगे वर्चुअल प्राइवेट सर्वर के बारे में, वर्चुअल प्राइवेट सर्वर- यह होस्टिंग शेयर होस्टिंग की अपेक्षा कुछ महंगे है इसमें अधिक स्पेस मिलता है। इसमें आप अपनी इच्छा अनुसार कोई भी ऑपरेटिंग सिस्टम इनस्टॉल कर सकते हैं। जबकि शेयर होस्टिंग ऐसा नहीं है। वर्चुअल प्राइवेट सर्वर में कुछ स्पेस की लिमिटेशन होती है। इसके हिसाब से आपको चार्ज देने पड़ते है। अपनी आवश्यकतानुसार लोग उतना ही स्पेस खरीदते है। जितनी जरूरत होती है। अब हम बात करेंगे डेडिकेटेड सर्वर होस्टिंग बारे में,
डेडिकेटेड सर्वर होस्टिंग- इस स्टिंग को सबसे बेस्ट माना जाता है। इसे कोई भी डायरेक्ट शेयर नहीं कर सकता है। इसमें आपको बहुत सारी सुविधाएं और स्पेस मिलता है। यह सर्वर आपके नियंत्रण में रहता है इस प्रकार के होस्टिंग सबसे कॉस्टली मानी जाती है। Facebook Google जैसी कंपनियां इस तरह के होस्टिंग का यूज़ करती हैं। 
क्लाउड होस्टिंग – यह लेटेस्ट होस्टिंग  है  इसका परफारमेंस  बहुत ही अच्छा माना जाता है  इसमें बहुत से सर्वर एक साथ  कार्य करते हैं। यह वेबसाइट को  सिक्योर  रखते हैं इसके द्वारा  हाई ट्रैफिक वाले वेबसाइट को आसानी से  कंट्रोल किया जा सकता है  इसकी स्पीड  बहुत ही अच्छी मानी जाती है।  इस पोस्ट में आप जानेंगे। कि वह कौन-सी कंपनियां है।जो होस्टिंग की सर्विस देती है।  लेकिन इसे जानने से पहले यह जान लेना आवश्यक है। कि होस्टिंग कैसे काम करता है जब भी हम कोई ब्राउज़र ओपन करते हैं। जैसे Firefox, UC Browser, Google Chrome फिर एड्रेस बार में जाकर URL में किसी वेबसाइट का नाम लिखते हैं।  तो URL में जो नाम लिखते हैं। उसे डोमेन कहते हैं। यह IP एड्रेस से कनेक्टेड होता है। और यह IP एड्रेस डोमेन को वेब सर्वर से जोड़ देता है। यानि कि आपकी होस्टिंग से, जहां पर ब्लॉग के सभी कांटेक्ट सुरक्षित होते हैं। और इस प्रकार सर्वर में सेब कांटेक्ट ब्राउज़र में खुल जाता है। 
Web Hosting की सुविधा देने वाली बहुत सी कंपनियां है जैसे की godaddy, Bluehost, Hostgartor। यह कुछ पॉपुलर Web Hosting देने वाली वेबसाइट के नाम है जो कि आपको वेबसाइट provide करवाती है। एक तरह से हम यह कह सकते हैं कि हमारा ऑनलाइन इंटरनेट पर रखने के लिए जो server इस्तेमाल होता है उसका हम किराया देते हैं। जब हम अपनी वेबसाइट बनाते हैं तो हम अपनी knowledge और इंफॉर्मेशन ज्यादा लोगों में बांटने की कोशिश करते हैं और उसके लिए हमें हमारी फ़ाइल इंटरनेट पर अपलोड करनी होती है। जिसके लिए हमें Web Hosting की जरूरत पड़ती है। मान लीजिए जब भी आपको ही इंटरनेट वेबसाइट खोलते हैं या अब आप ने हमारी वेबसाइट ओपन की हुई है तो जब भी आप इसका एड्रेस ओपन करते हैं तो यह आपको एक Web server से जोड़ देता है जिससे कि Web Hosting में save हुई सभी फाइलें और उससे जुड़ी इंफॉर्मेशन आप को दिखाई जाती है तो इस तरह से Web Hosting काम करती है। दुनियाभर में बहुत सारी कंपनियां है जो की Web Hosting  प्रोवाइड करवाती है। अगर आप चाहते हैं कि आपके सारे विजिटर भारत से ही हो तो आपको भारत  से Web Hosting  खरीदना ज्यादा अच्छा रहेगा। यह आपको दूसरे कंपनी से सस्ती भी रहेगी। आपकी Web Hosting आपके देश से जितना ज्यादा दूर होगा उसको एक्सेस करने के लिए उतना ही ज्यादा टाइम लगेगा। तो जब भी आप किसी वेबसाइट से होस्टिंग  खरीदते हैं तो यह ध्यान रखना जरूर रखें कि आप उसी देश की कंपनी से Web Hosting खरीदे जिस देश से आपकी वेबसाइट पर ज्यादा विजिटर आते है। अगर आप किसी बाहर के देश से Web Hosting खरीदते हैं तो आपको क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना पड़ता है लेकिन अगर आप अपने ही देश से Web Hosting खरीदेंगे तो आपको ATM कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग के जरिए भी आप Web Hosting खरीद सकते हैं और आसानी से डोमेन का नाम अपनी वेबसाइट से जोड़ सकते हैं। अगर आप इंडिया से है तो आप हो Hostgator India, Godaddy, और bluehost इस तरह की कंपनियों से Web Hosting खरीद सकते  है। अब Web Hosting कितने प्रकार की होती है अगर ऑपरेटिंग सिस्टम और प्लेटफार्म के हिसाब से देखें तो Web Hosting दो प्रकार की होती है जिनमें की एक linux होस्टिंग होती है और दूसरी window hosting होती है।
Linux Web Hosting एक एसी Web Hosting है जहां पर आपको web-Space उस कंप्यूटर पर मिले जिस पर Linux ऑपरेटिंग सिस्टम इन्स्टाल हो उसको Linux Web Hosting कहते हैं। इस तरह के Web Hosting सामान्य तौर पर सिर्फ php के जितने भी वेब पेज है उनको अच्छी सपोर्ट करती है और इस Web Hosting को खरीदने का खर्चा भी बहुत कम होता है।
Window hosting ऐसी hosting जहां पर आपको web-Space उस कंप्यूटर पर मिले जिस पर विंडो इनस्टॉल है। तो ऐसी होस्टिंग को window hosting कहा जाता है। ऐसी होस्टिंग पर सामान्य तौर पर सभी वेबसाइट कों अच्छा सपोर्ट करते हैं। Linux Web Hosting के तुलना में window hosting ज्यादा खर्चीली है।
Web Hosting खरीदते समय आपके पास 2 ऑप्शन रहते हैं। Linux Web Hosting और Window Hosting,।आपने कभी यह सोचा है कि इन दोनों में क्या फर्क होता है। दोनों में आप कौन सी Web Hosting का इस्तेमाल कर सकते हैं। Window Hosting Linux Web Hosting से महंगी पड़ती है ऐसा क्यों है?
Linux Web Hosting एक ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है इसलिए इसका इस्तेमाल करने के लिए Web Hosting कंपनी को पैसे नहीं देने पड़ते हैं इसलिए यह Window Hosting से थोड़ा सस्ता होता है। Window Hosting के लाइसेंस के लिए कंपनी को पैसे देने पड़ते हैं इसलिए यह महंगा है दोनों को सर्वर बहुत ही बढ़िया है पर Window Hosting को  Linux Web Hosting से ज्यादा सिक्योर माना जाता है।

Sharing के हिसाब से Web Hosting के प्रकार

अब वेब होस्टिंग में भी कई प्रकार होते हैं। जिनके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं। जो 4 तरह के होते हैं।
  • Shared Web Hosting (वेबसाइट शुरू करने के लिए )
  • Reseller Web Hosting (Hosting को बेच कर पैसे कमाने के लिए )
  • VPS Web Hosting (वेबसाइट पर ज्यादा विजिटर होने पर ये होस्टिंग ले )
  • Dedicated Web Hostingवेबसाइट पर बहुत ज्यादा विजिटर होने पर ये होस्टिंग लेंगे।